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ऊंटनी का दूध बना वरदान, कर रहा है कई घातक रोगों पर असर


जैसलमेर/फलसुण्ड:

रेगिस्तान के जहाज ऊंट की भले ही सवारी एवं परिवहन में मांग कम हो गई हो, परन्तु उसके दूध में रोग प्रतिरोधक क्षमता तथा सीरिम (वेनम) में एन्टीबॉडी से कई रोगों के इलाज का जरिए बन रहा है।

ऊंटनी के दूध में प्रोटीन की रसायनिक संघटक, एन्जाइस तथा अन्य घटक मानव स्वास्थ्य के लिए रोग प्रतिरोधी हैं। ऊंट के सीरिम (वेनम) से नैनो एन्टी बॉडीज विभिन्न रोगों के इलाज में सार्थक साबित हो रहे हैं। सर्प दंश में ऊंट से बनाई एन्टी वेनम सरीसृप की बहुतायत वाले पश्चिमी राजस्थान के इलाके में मानव जीवन के लिए वरदान साबित हो रही है।

ऊंट के सीरिम से डाइबटीज, थॉयराइड कैंसर की जांच, क्षय रोग, एड्स के इलाज केलिए एसपी मेडिकल कॉलेज, भाभा परमाणु अनुसंधान केन्द्र (बार्क) एवं अन्य अनुसंधान  एजेंसियों के साथ मिलकर काम किया जा रहा है। 

ऊंटनी के दूध तथा सीरिम से एन्टी बॉडी पर वैज्ञानिकों की ओर से व्यापक स्तर पर काम चल रहा है। एन्टी बॉडी में उपयोगी ऊंट अनुसंधान केन्द्र ऊंटनी के दूध का मानव शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता में उपयोगिता पर काम कर रहा है। ऊंटनी के दूध में अमीनो एसिड की जो विशेषताएं हैं, वह अन्य में नहीं है। 

ऊंट के सीरिम से थॉइराइड कैंसर, टीबी, एड्स, डायबटीज जैसे रोगों के इलाज पर शोध हो रहा है। रेगिस्तान के जहरीले सरीसृप बांडी (वाइपर) के जहर का एन्टीवेनम बनाया गया है।

रिपोर्टर: गणेश जैन

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