जैसलमेर:
राजस्थान राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के सदस्य श्रीमती उमा रतनू व श्री शिवपालसिंह द्वारा सोमवार को जैसलमेर जिले में बाल अधिकार एवं सरंक्षण के मुद्दों पर जिला कलेक्ट्रेट सभागार में बैठक आयोजित की गई। बैठक में अतिरिक्त जिला कलक्टर श्री स्वामी द्वारा बताया गया कि बाल अधिकारों को लेकर लोगों को संवेदनशील बनाकर जन-जागरूकता पैदा करना, बाल संरक्षण प्रणाली को मजबूत करना एवं बाल सुरक्षा के लिये बेहतर क्रियान्वयन को स्थापित करना है।बच्चों को अपने अधिकारों को सुलभ कराने का हम सभी का कत्र्तव्य है। बाल कल्याण के क्षेत्र में कार्यरत् सरकारी विभाग, स्वयंसेवी संस्थाएं एवं सामाजिक कार्यकर्ता जो कार्य कर रहे हैं, वो पूर्णरूप से इसके लिये तत्परता से कार्य करें जिससे बालकों को उनके मूल अधिकार प्राप्त हो सके।
बैठक में बाल अधिकारिता विभाग के सहायक निदेशक श्री हिम्मत सिंह कविया द्वारा राजस्थान सरकार गठितसमेकित बाल संरक्षण योजना के तहतअनाथ, उपेक्षित एवं संरक्षण विहीन बच्चों वर्ष के देख-भाल पुनर्वास एवं संरक्षण के लिये चलाई जा रही समेकित बाल संरक्षण योजना के तहत महिला एवं बाल विकास विभाग, शिक्षा विभाग, चिकित्सा विभाग, पुलिस विभाग, श्रम विभाग, चाईल्ड लाईन (1098), बाल कल्याण समिति, किशोर न्याय बोर्ड, तथा बाल अधिकारिता विभाग, जिले में संचालित राजकीय एवं गैर राजकीय बालगृहों/आश्रय गृह, एवं जिला बाल सरंक्षण इकाई जैसलमेर की भूमिका के बारे में जानकारी दी।श्री कविया द्वारा बताया गया कि जैसलमेर जिले में वर्तमान 01 राजकीय गृह एवं 02 गैर राजकीय बालगृह पोकरण/रामेदवरा में संचालित किये जा रहे हैं।
बैठक में सदस्य श्री शिवपालसिंह द्वारा बताया गया कि बाल संरक्षण को लेकर प्रत्येक विभाग को छोटी-छोटी समस्याएं आती हैं, अगर बाल कल्याण समिति, किशोर न्याय बोर्ड, बाल अधिकारिता विभाग, चाइल्ड लाईन, श्रम विभाग, शिक्षा विभाग, चिकित्सा विभाग आपस में समन्वय स्थापित कर कार्य करेंगेे तो बाल संरक्षण के क्षेत्र में कोई भी समस्या उत्पन्न नहीं होगी और कोई भी अधिकारी, अध्यक्ष, सदस्य, स्वयंसेवी संस्थाएं अगर बालकों के हित में कोई कार्य करती है तो, उसका सभी सहयोग करने के लिए आगे आयेंगे।
बैठक में सदस्यों द्वारा पुलिस विभाग से बाल कल्याण के क्षेत्र में की जानकारी चाही। इस संबंध में पुलिस उप अधीक्षक श्री नरेन्द्र कुमार दवे द्वारा बताया गया कि जिले में 17 पुलिस थाने संचालित है। जिसमें प्रत्येक थाने में एक बाल कल्याण अधिकारी मनोनीत है, प्रत्येक थाने में चाइल्ड हेल्प डेस्क बना हुआ है। बैठक में सदस्य श्री शिवपालसिंह द्वारा निर्देशित किया गया कि थानों में संचालित चाइल्ड हेल्प डेस्क पूर्णतः अपडेट होनी चाहिये, जिसमें बालमैत्री माहौल होना चाहिये एवं बालकों से बाल मैत्री व्यवहार करना चाहिये।
बाल संरक्षण आयोग के सदस्यों द्वारा राजकीय सम्प्रेक्षण एवं किशोर गृह का किया गया निरीक्षण
राजस्थान राज्य बाल संरक्षण आयोग के सदस्य श्रीमती उमा रतनू एवं श्री शिवपालसिंह द्वारा जैसलमेर जिले में अधीक्षक राजकीय सम्प्रेक्षण एवं किशोर गृह का निरीक्षण किया गया। सदस्यों द्वारा आवासीय बालको से साक्षात्कार किया गया एवं बालकों से गृह में मिल रही सुविधाओं की जानकारी ली। निरीक्षण के दौरान किशोर गृह अधीक्षक श्री हिम्मतसिंह कविया द्वारा सदस्यों को राज्य सरकार द्वारा दी जा रही सुविधाओं की जानकारी दी एवं गृह में बालकों कि दिनचर्या की जानकारी देते हुये बताया कि गृह में बालकों के अध्ययन कार्य करवाने के लिए शिक्षक की आवश्यकता है। निरीक्षण के दौरान गृह के कार्मिक उपस्थित थे।