Ads Right Header

Buy template blogger

हार्वेस्टिंग सिस्टम निर्माण के सरकारी आदेश की उड़ रही धज्जियां

मालवाड़ा। जल संरक्षण को लेकर सरकारी भवनों में वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम निर्माण के सरकारी आर्दश धरातल पर साकार नहीं हो रहे है ऐसे में हर वर्ष सरकारी भवनों कीछतों से वर्षा जल नालियों में बह रहा है।

दरअसल करीब पांच साल पहले जारी सरकारी आर्दश के अनुसार बारिश के जल को संरक्षित कर भूजल स्तर को रिचार्ज करने के लिए वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम बनाना अनिवार्य किया गया था ताकि आवश्यकता पड़ने पर उसेउपयोग मे लिया जा सके। वही स्कूलों में बने रैन वाटर हार्वेस्टिंग से विद्यार्थियों को सालभर तक फ्लोराइड मुक्त पेयजल उपलब्ध हो सके। सरकारी भवनों में सिस्टम को लागू करने की जिम्मेदारी महकमों को सौंपी थी लेकिन अधिकारियों की उदासीनता व लोगों में जागरूकता की कमी के चलते यह योजना सिरे नहीं चढ़ पाई है। कस्बे मे सेठ उमाजी ओखाजी राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम का अब तक सदुपयोग नहीं हो सका है। पांच साल पहले इस स्कूल में दो अलग अलग टैंक बनाकर पाइप से जोड़ा गया था लेकिन पर्याप्त सार संभाल नही होने से टैंक क्षतिग्रस्त हो चुके है और ज्यादातर पाइप टूट चुके है। नालियां कचरे से अटी होनेसे वर्षा जल का संरक्षण नहीं हो रहा है विभागीय अधिकारियों की लापरवाही से जल संरक्षण की यह अहम योजना दम तोड़ती नजर आ रही है।यह था उदेश्यइस योजना का मूल उदेश्य बरसात के पानी को इधर इधर फैलक बरबाद होने से रोकना था।

भूमिगत फिल्टरयुक्त टैंक मेंपानी को एकत्र कर उससे निकले शुद्ध जल को पेयजल के लिए इस्तेमाल करना था। सिस्टम के तहत बडी़ छतो वाले भवन सेबरसाती पानी की मात्रा ज्यादा होने पर कई बार इस पानी को नलकूप में जोड़कर भूगर्भ में भी छोड़ा जाता है ताकि भूजल स्तर में सुधार लाया जा सके।

Previous article
Next article

Leave Comments

Post a Comment

Ads Post 1

Ads Post 2

Ads Post 3

Ads Post 4