भारत में आजाद सोच रखने का अधिकार खतरे में: मनमोहन सिंह

जयपुर:- सिंह ने देश में बढ़ते उग्र राष्ट्रवाद को विनाशकारी चलन बताया उनका कहना था कि देश में ऐसी ताकतें बढ़ रही हैं और सियासत में पॉपुलरिज्म ऐसी प्रवृतियों को बढ़ावा दे रहा है. पूर्व पीएम का मानना था कि इस तरह की ताकतें पिछड़ी जातियों और अल्पसंख्यकों के खिलाफ नफरत को हवा दे रही हैं आने वाला समय पिछड़ी जातियों के लिए नही रहेगा
पूर्व पीएम मनमोहन सिंह का कहना है कि फिलहाल देश में स्वतंत्र सोच की आजादी खतरे में है वो कोलकाता की प्रेसिडेंसी यूनिवर्सिटी के द्विशताब्दी समारोह में बोल रहे थे

'जरुरी है बोलने की आजादी है'

मनमोहन सिंह का कहना था कि देश में बोलने की आजादी की हर कीमत पर रक्षा होनी चाहिए उन्होंने अपने भाषण में हैदराबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी और जेएनयू के हालिया छात्र आंदोलनों का भी जिक्र किया पूर्व प्रधानमंत्री का आरोप था कि छात्रों की अभिव्यक्ति में मौजूदा सरकार दखल दे रही है और ये बेहद चिंता का विषय है

नव-राष्ट्रवाद पर चिंता
नौजवानों को सलाह

मनमोहन सिंह ने युवाओं को सलाह दी कि वो रचनात्मक गतिविधियों में शामिल हों. मनमोहन सिंह ने कहा, 'सच्चा राष्ट्रवाद वो है जहां छात्रों को मुक्त रूप से सोचने और बोलने के लिए बढ़ावा दिया जाता है. जहां असहमति के स्वरों को दबाया नहीं जाता. सिर्फ रचनात्मक गतिविधियों से ही हम देश में मजबूत, एकजुट और सतत लोकतंत्र का निर्माण कर सकते हैं'

Post a Comment

Previous Post Next Post

Contact Form