ई व डिजीटल ट्रांजेक्शन में विश्वविद्यालय बनेंगे अग्रणी नायक, राज्यपाल ने राज्य में की पहल और किया आह्वान



जयपुर:
आर्थिक क्रान्ति के वर्तमान समय में ई व डिजीटल ट्रांजेक्शन में विश्वविद्यालय अग्रणी नायक बनेंगे। राज्यपाल श्री कल्याणसिंह ने शनिवार को जोधपुर में जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय के दीक्षान्त समारोह में इस सम्बंध में राज्य में पहल करके आह्वान किया और क्रियान्वयन के लिए आवश्यक दिशा निर्देश भी दिए। 

राज्यपाल ने जब समारोह में अपने सम्बोधन में ई एवं डिजीटल ट्रांजेक्शन के लिए प्रेरित किया तो पूरे सभागार में उपस्थित लोगों ने तालिया बजाकर इसका समर्थन किया। देश में राजस्थान पहला राज्य है जहां राज्यपाल ने खुलकर ई एवं डिजीटल ट्रांजेक्शन के लिए आह्वान किया है। इसके साथ ही जनता तक यह संदेश पहुंचाने के लिए न केवल आह्वान किया बल्कि कार्य योजना भी बनायी और ई-डिजीटल ट्रांजेक्शन की क्रियान्विति भी होगी।        

राज्यपाल ने कहाकि इस समय देश में आर्थिक क्रान्ति हो रही है, नया प्रयोग हो रहा है। कोई नया काम और इतना बड़ा काम होता है तो थोड़ी परेशानी तो होती है। थोड़े दिनों के बाद नोटबंदी का लाभ उन्हीं को मिलेगा जो लाईनों में खड़े रहे हैं। कालेधन और आतंकवादियों, नक्सलवादियों के पास फर्जी करेंंसी का विकृत रूप से उपयोग हो रहा था। प्रधानमंत्री ने राष्ट्रहित, गरीबो व किसानों के हित में फैसला किया। जो विरोध कर रहे हैं वे यह समझ नहीं रहे हैं। ऎतिहासिक आर्थिक क्रांति के युग का हम स्वागत करें।      

राज्यपाल ने कहा कि विश्वविद्यालय द्वारा फीस, छात्रवृति, वेतन और अन्य व्यय आदि के लिए शत प्रतिशत नकदविहीन (कैशलेस) लेनदेन करना सुनिश्चित किया जाए। विश्वविद्यालय से जुड़ा प्रत्येक व्यक्ति चाहे अध्यापक हो, विद्यार्थी हो अथवा कर्मचारी सभी पढे लिखे और बुद्धिजीवी होते हैं। इसमें से प्रत्येक की जिम्मेदारी बनती है कि वे व्यक्तिगत लेनदेन में बाजारदारी में और खरीद फरोख्त में ई-ट्रांजेक्शन व डिजीटल ट्रांजेक्शन का उपयोग करें, यह ट्रांजेक्शन पूर्णतः सरल, सुविधाजनक एवं सुरक्षित है।     

राज्यपाल ने कहा कि मैं यह भी अपेक्षा करूंगा कि विश्वविद्यालय का प्रत्येक विद्यार्थी, अध्यापक और कर्मचारी स्वयं तो ई एवं डिजीटल ट्रांजेक्शन से जुड़े ही, साथ ही प्रत्येक कम से कम पचास व्यक्तियों को इस ट्रांजेक्शन के अधिकाधिक इस्तेमाल के लिए प्रेरित एवं प्रशिक्षित करें। उन्होंने कहा कि मैं यह भी चाहता हूं कि पूरे देश के विश्वविद्यालयों में जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय पहला ऎसा विश्वविद्यालय बने जो प्रधानमंत्री के ई-ट्रांजेक्शन व डिजीटल ट्रांजेक्शन अभियान में रोल मॉडल के रूप में जाना जाए।      

उन्होंने कहा कि कुलपति से यह भी अपेक्षा है कि वे इसकी सफलता के लिए मार्गदर्शक की भूमिका निभाएं। इसके लिए शिविर, सेमीनार, वर्कशॉप और जागरूकता सम्मेलन आयोजित करे और यह आंकड़े भी एकत्रित करके रखें कि विश्वविद्यालय द्वारा कितने आमजन को ई एवं डिजीटल ट्रांजेक्शन के बारे में प्रशिक्षित किया। कालेधन के खिलाफ प्रधानमंत्री द्वारा शुरू की गई इस जंग की सफलता में विश्वविद्यालय पूरे देश में अनुकरणीय बने।      

जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आर पी सिंह ने राज्यपाल को विश्वास दिलाया कि उनके आह्वान एवं दिशा निर्देश के अनुरूप शत प्रतिशत कार्यवाही कर प्रतिवेदन प्रस्तुत किया जाएगा।

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