नई दिल्ली
सुप्रीम कोर्ट ने ऑर्डर दिया है कि देशभर के सभी सिनेमाहॉलों में मूवी शुरू होने से पहले राष्ट्रगान जरूर बजेगा। इस दौरान स्क्रीन पर तिरंगा नजर आना चाहिए। साथ ही राष्ट्रगान के सम्मानमें सिनेमा हॉल में मौजूद सभी लोगों को खड़ा होना होगा।
कोर्ट ने केंद्र सरकार को यह आदेश एक हफ्ते में लागू करने को कहा है।गैर जरूरी चीजों पर नहीं छापा जाए राष्ट्रगान…
–जस्टिस दीपक मिश्रा की अगुआई वाली बेंच ने अपने ऑर्डर में यह भी कहा है कि गैर जरूरी चीजों पर राष्ट्रगान को न तो छापा जाना चाहिए, न ही लगाना चाहिए।
– कोर्ट ने यह भी कहा कि राष्ट्रगान से कमर्शियल बेनिफिट नहीं लेना चाहिए।
– कोर्ट ने यह ऑर्डर भी दिया कि राष्ट्रगान को आधा-अधूरा नहीं सुनाया या बजाया जाना चाहिए। इसे पूरा करना चाहिए।
– कोर्ट ने केंद्र सरकार को यह ऑर्डर एक हफ्ते में लागू करनेको कहा है। साथ ही, सभी स्टेट और यूनियन टेरेटरी से इस बारे में जानकारी देने को कहा है।आधा-अधूरा न हो राष्ट्रगान
– सुप्रीम कोर्ट ने यह ऑर्डर श्याम नारायण चौकसे नामक शख्स की ओर दायर की गई पीआईएल पर सुनवाई करते हुए दिया।
– याचिका में सुप्रीम कोर्ट से यह ऑर्डर देने की मांग की गई थी कि देशभर के सिनेमा हॉलों में फिल्म शुरू होने से पहले राष्ट्रगान बजाया जाना चाहिए।
– कमर्शियल बेनिफिट के लिए राष्ट्रगान के इस्तेमाल पर रोक लगाई जानी चाहिए।
– इंटरटेनमेंट शो में ड्रामा क्रिएट करने के लिए राष्ट्रगान का इस्तेमाल नहीं होना चाहिए।
– राष्ट्रगान एक बार शुरू होने पर आखिरी तक गाया जाना चाहिए।इसे बीच में नहीं राेकना चाहिए।पहले भी सिनेमा घरों में बजाया जाता था राष्ट्रगान
– चीन ने 1962 में जब भारत पर हमला किया था उस वक्त सिनेमा हॉल में राष्ट्रगान बजाने की शुरुआत हुई। ऐसा सैनिकों के सम्मान और लोगों में राष्ट्रप्रेम की भावना जगाने के लिए होता था।
– हालांकि, बाद में शिकायतें हुईं कि सिनेमा हॉल में राष्ट्रगान का अपमान होता है इसके बाद करीब 40 साल पहले सरकार ने इसे बंद करवा दिया था।
– 2002 में महाराष्ट्र सरकार ने इसके लिए एक कानून बनाया। जिसके तहत सिनेमा हॉल में मूवी से पहले राष्ट्रगान बजाना और इस दौरान लोगों का खड़े रहना जरूरी किया गया।सिनेमा हॉल में मुस्लिम परिवार का किया अपमान
– पिछले साल मुंबई के एक सिनेमा हॉल से मुस्लिम परिवार को बाहर निकाल दिया गया था। उनके साथ बदसलूकी की गई थी।
– सिनेमा हॉल में मौजूद दूसरे दर्शकों का कहना था कि यह परिवार राष्ट्रगान के वक्त खड़ा नहीं हुआ।गोवा में भी एसा ही हुआ
– इसी साल अक्टूबर में गोवा के एक सिनेमा हॉल में दिव्यांग लेखक सलिल चतुर्वेदी के साथ भी मारपीट की गई थी।
– सिनेमा हॉल में मौजूद दर्शकों का कहना था कि वे राष्ट्रगानके दौरान खड़े नहीं हुए थे।