सफलता की कहानी: मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन की बदौलत वरसिंगपुर की सूखी पड़ी पहाडियां हुई जल से तरबतर




डूंगरपुर: मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान के प्रथम चरण की सफलता के बाद द्वितीय चरण ने भी सूखी पहाडियों पर रौनक ला दी है। 

पहाडों की नगरी के नाम से विख्यात डूंगरपुर जिले के सागवाड़ा ब्लॉक की ग्राम पंचायत वरसिंगपुर में बरसों से सूखी पडी पहाडियां मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान की बदौलत पहली ही बारिश में पानी से तरबतर हो गई है जिससे क्षेत्रवासियों के साथ-साथ इस अभियान से जुड़े जनप्रतिनिधियों अधिकारी-कर्मचारियों में खुशी की लहर दौड़ गई है।

अरावली उपकात्याओं की ये पहाडियां, क्षेत्र में पानी की कमी एवं बरसाती पानी के व्यर्थ बह जाने के कारण सूखी ही रहती थी। यहां तक कि आसपास के क्षेत्रों में भू-जल स्तर के बहुत गहरे तक चले जाने के कारण तथा बरसात नही होने या कम होने की स्थिति में कृषको के माथे पर भी चिंता की लकीरे आ जाती थी परंतु मुख्यमंत्री श्रीमती वसुधंरा राजे की बरसात के पानी को बचाने की दूरदर्शी सोच ने इस क्षेत्र की पहाडियों को नया जीवन और भू-जल स्तर बढ़ने से सिंचाई की संभावनाओं को नई उम्मीद दे दी है। 

शुक्रवार को हुई इंद्र देवता की मेहर ने मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान के द्वितीय चरण में ब्लॉक सागवाड़ा की ग्राम पंचायत वरसिंगपुर में बनी एमपीटी-सीसीटी-एसजीटी जल संरचनाओं को पानी से तरबतर कर दिया है। ऎसे में इन बंजर सूनी पड़ी पहाडियों पर पानी को देखकर आसपास निवासरत लोगों के चेहरों पर आंनद और उत्साह छा गया है। क्षेत्रवासियों को सिंचाई के लिए पानी की उपलब्धता एवं भू-जल स्तर बढ़ने के साथ ही पशु-पक्षियों को भी पानी की सहज उपलब्धता की व्यापक संभावनाएं नज़र आने लगी है। 

इन जल सरंचनाओं में जल संरक्षित होने से डूंगरपुर जिले में मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान के द्वितीय चरण में दस ब्लॉक की 84 ग्राम पंचायतों के 184 गांवों में बन रही जल संरचनाओं में भी असीम जल संरक्षण की संभावनाओं को पंख लग गये है।  इंतजार है तो बस हर किसी को मानसून के पूर्ण सक्रिय होने का ।

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