संतों की पहल से मरुधरा पर हरियाली लहलहाई- जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्री



जयपुर: मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान को लेकर बुधवार को उदयपुर संभागीय आयुक्त सभागार में संभाग के सभी धार्मिक ट्रस्टों व संगठनों की बैठकआयोजित हुई।     

बैठक में जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी एवं भूजल मंत्री श्रीमती किरण माहेश्वरी एवं देवस्थान गोपालन मंत्री श्री ओटाराम देवासी सहित विधायकगण एवं सभी धार्मिक ट्रस्टों व संगठनों के प्रतिनधि मौजूद थे।     

जल संसाधन मंत्री श्रीमती किरण माहेश्वरी ने धार्मिक ट्रस्टों के सभी प्रमुख प्रतिनिधियों से आह्वान किया कि वे सभी अपनी पहल से अपने-अपने क्षेत्रों में न केवल आर्थिक सहयोग अपितु जनता के सहयोग से मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन अभियान के द्वितीय चरण को शत-प्रतिशत सफल बनाने में सहयोग दें। श्रीमती माहेश्वरी ने कहा कि सभी धर्मगुरु आदरणीय है तथा इनके आशीर्वाद से प्रथम चरण सफल हुआ तथा मरुभूमि पर हरियाली लहलहाई।     





उन्होंने बताया कि इसी 9 दिसंबर से अभियान के द्वितीय चरण का शुभारंभ प्रत्येक पंचायत समिति व प्रत्येक ग्राम पंचायत स्तर पर धर्म गुरुओं व वरिष्ठजनों द्वारा किया जाएगा। उन्होंने इसे सर्वधर्म अभियान बताया और सभी धर्मों के संतों से अपील की कि वे पत्र लिखकर अपने समाज को इस अभियान के संबंध में जानकारी दें व आमजनता से श्रमदान व अन्य प्रकार के सहयोग ले इसे सफल बनाएं।     

उन्होंने कहा कि सभी धार्मिक ट्रस्ट एवं संगठन स्वप्रेरणा से ग्रामों को चिह्नित कर गोद लें व उसके विकास कार्यों में सहयोग प्रदान करें।     
पूर्व में इस अभियान के प्रथम चरण में चित्तौड़गढ़ के श्री सांवलिया मंत्रिमंडल ट्रस्ट ने 151 लाख व नाथद्वारा ट्रस्ट ने 75 लाख की राशि देकर अपना अभूतपूर्व सहयोग दिया। अन्य ट्रस्ट व संगठनों ने भी द्वितीय चरण में अपनी इच्छानुसार सहयोग करने का वचन देते हुए जल स्वावलंबन अभियान की मुक्त कंठ से सराहना की।     

श्रीमती माहेश्वरी ने कहा कि यह अभियान राजनीतिक न होकर पूर्णतः जनहित में है अतः सभी वर्ग आपसी सौहार्द से अभियान की शत-प्रतिशत सफलता में सहयोग दें। उन्होंने कहा कि राजस्थान प्रदेश में जल समस्या बेहद विकट रही है परन्तु गत वर्ष अच्छी वर्षा होने व मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन अभियान के तहत सूखे पड़े बावड़ियां, कुएं, तालाब आदि के रीचार्ज होने से गांव-गांव खुशहाली आई है व पीने के पानी की किल्लत दूर हुई है।     

उन्होंने कहा कि प्रशासन के सहयोग से प्रत्येक जिले में ग्राम कार्य योजना बनाई गई है जिसमें प्रत्येक ग्राम में उपलब्ध जल का आकलन कर गांव में पानी की कमी के लिए नये जल संग्रहण ढांचें व अन्य उपाय प्रस्तावित किए जाएंगे।     




इसके तहत गतिविधियों का चयन, भूमि के प्रकार व उपयोग, ढलान, वर्षा जल की उपलब्धता आदि कर आकलन कर इसके लिए योजना ग्रामवासियों के साथ मिलकर तैयार की जायेगी तथा जीआईएस व उपग्रह से प्राप्त चित्रों की मदद भी ली जाएगी। प्रस्तावित कार्यों का तकनीकी व आर्थिक विश्लेषण जीआईएस एवं रिमोट सेंसिंग तकनीक से होगा।    

 उन्होंने कहा कि समस्त कार्यों की जीओ टेगिंग होगी व क्रियान्वयन की प्रभावी समीक्षा मोबाइल एप के माध्यम से होगी। इससे दूर-दराज शहरों व विदेशों में बैठे राजस्थानी अपने ग्रामों के विकास की न केवल जानकारी ले पाएंगे अपितु आर्थिक सहयोग भी देंगे। जल ही जीवनजल ही जगदीश- श्री ओटाराम देवासी     

देवस्थान व गोपालन मंत्री श्री ओटाराम देवासी ने कहा कि जल है तो कल है, जल ही जीवन है और जल ही जगदीश। उन्होंने कहा कि हमारे पूर्वजों ने जल संसाधन विकसित किये व प्रदेश की मुख्यमंत्री द्वारा चलाया जा रहा यह अभियान उन्हें संरक्षित कर रहा है जिससे आने वाले समय में जल समस्या का पूर्णतः समाधान हो जाएगा।     

उन्होंने कहा कि इस अभियान के अंतर्गत 30 वर्ष पुराने कुएं भी रीचार्ज हुए हैं। उन्होंने सभी धार्मिक संगठनों से आगे बढ़कर जन सहयोग लेने की अपील की क्योकि संत का दर्जा समाज में अहम स्थान रखता है व आम जनता इनके कहने पर जल की बूंद-बूंद बचाने के लिए तत्पर हो जाएगी।    




 बैठक में उदयपुर ग्रामीण विधायक फूलसिंह मीणा, मावली विधायक दलीचंद डांगी, सलूम्बर विधायक अमृतलाल मीणा, धरियावद विधायक गौतमलाल मीणा ने भी इस अभियान की प्रशंसा करते हुए अपने विचार रखे। उन्होंने अपने क्षेत्र से संबंधित समस्याओं के बारे में मंत्री श्रीमती माहेश्वरी को अवगत कराया।     

प्रारंभ में संभागीय आयुक्त भवानी सिंह देथा ने सभी धार्मिक संगठन/ट्रस्ट प्रमुखों का स्वागत किया व अभियान से जुड़ी जानकारी दी। बैठक में इस अभियान से संबंधित लघु वीडियो व एनीमेशन फिल्म दिखाई गई। इन फिल्मों का  उद्देश्य इस अभियान की सफलता से जुड़ी कहानी के माध्यम से संगठन प्रमुखों को जानकारी देना था। बैठक में अतिरिक्त जिला कलक्टर (शहर) ओ.पी.बुनकर सहित संबंधित विभागीय अधिकारी भी मौजूद रहे। 

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